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उनके देखे से जो आ जाती है मुँह पर रौनक़
वो समझते हैं कि बीमार का हाल अच्छा है
देखिए पाते हैं उश्शाक़ बुतों से क्या फ़ैज़
इक ब्राह्मण ने कहा है कि ये साल अच्छा है
हमको मालूम है जन्नत की हक़ीकत लेकिन
दिल को खुश रखने को ग़ालिब ये ख़याल अच्छा है
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1. वो फिराक़ और वो विसाल कहां ?
वो शब-ओ-रोज़-ओ-माह-ओ-साल कहां ?
[ फिराक़ = separation; विसाल = meeting; शब = night; रोज़ = day; माह = month; साल = year ]
2. फ़ुर्सत-ए-कारोबार-ए-शौक़ किसे ?
ज़ौक़-ए-नज़्ज़ा-ए-जमाल कहां ?
[ ज़ौक़ = delight/joy; जमाल = beauty]
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ज़ुल्मत कदी में मेरी शब-ए-ग़म का जोश है
इक शम्मा है दलील-ए-सहर, सो ख़ामोश है
शब्दावली:
ज़ुल्मत=अंधेरा; दलील=सबूत; सहर=सुबह