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Struggle to be a Simpleton
O emotions and passions
Thou should die out
From the heart of a man.
O thou heart that feel
The brutality and harshness of the world
Should no longer remain in its frame.
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चार शेर सपनों के
सुनता रहूं मैं बात दिल की भी, न सिर्फ मेरे दिमाग रहें।
मैं तुम्हें समझूं, तुम मुझे समझो, अकेले न हम ग़मसाज़ रहें।
न मैं मैं रहूं, न तुम तुम रहो, सिर्फ अब हम हम रहें।
मिलकर चलें अब हम सभी, बाकी न कोई ग़म रहें।
लुत्फ लें हम उन सभी, ग़म का जो आए सामने।
जिंदगी के सारे ग़म का, करके सर कलम रहें।
हम भी बेटे तुम भी बेटे एक ही आदम के हैं।
बेहतर हो के अब हम सभी, अपने घर में साथ रहे।
१३ अगस्त, २०००
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चीज क्या है
कुछ कुलबुला रहा था
बुरी तरह
खोज की
इधर उधर
हर तरफ से
छान कर
खींछ कर
लाया उसे
सामने अपने किया
फिर उठाकर हाथ में
देखने उसको लगा।
चीज क्या है?
देख तो
कहीं मैं यही तो नहीं।
जुलाई, २०००