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ये ना थी हमारी क़िस्मत
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1. ये ना थी हमारी क़िस्मत के विसाल-ए-यार होता
अगर और जीते रहते यही इंतेज़ार होता
[ विसाल-ए-यार = meeting with lover]
2. तेरे वादे पर जिए हम तो ये जान झूट जाना
के ख़ुशी से मर ना जाते अगर एतबार होता
[ एतबार = trust/confidence]
3. तेरी नाज़ुकी से जाना की बँधा था एहद-बूदा
कभी तू न तोड़ सकता अगर ऊस्तूवार होता
[ एहद = oath; ऊस्तूवार = firm/determined]
ज़ुल्मत कदी में मेरी ..
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ज़ुल्मत कदी में मेरी शब-ए-ग़म का जोश है
इक शम्मा है दलील-ए-सहर, सो ख़ामोश है
शब्दावली:
ज़ुल्मत=अंधेरा; दलील=सबूत; सहर=सुबह
दाग़-ए-फ़िराक़-ए-सोहबत-ए-शब की जली हुई
इक शम्मा रह गई है सो वो भी ख़ामोश है
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