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कवने खोतवा मे लुकईलु अहि रे बालम चिड़ई
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- Category: Generalia
Here is one of my favourite Bhojpuri song.
कवने खोतवा में लुकईलू अहि रे बालम चिड़ई, अहि रे बालम चिड़ई
बन-बन ढुंढ़ली दर दर ढुंढ़ली , ढुंढ़ली नदी के तीरे
सांझ के ढुंढ़ली, रात के ढुंढ़ली, ढुंढ़ली होत फजीरे
जन में ढुंढ़ली, मन में ढुंढ़ली, ढुंढ़ली बीच बजारे
पिया हिया में पैस के ढुंढ़ली, ढुंढ़ली बिरह के मारे
कोने अंतरे में समईलू अहि रे बालम चिड़ई
ये ना थी हमारी क़िस्मत
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- Category: Ghazals
1. ये ना थी हमारी क़िस्मत के विसाल-ए-यार होता
अगर और जीते रहते यही इंतेज़ार होता
[ विसाल-ए-यार = meeting with lover]
2. तेरे वादे पर जिए हम तो ये जान झूट जाना
के ख़ुशी से मर ना जाते अगर एतबार होता
[ एतबार = trust/confidence]
3. तेरी नाज़ुकी से जाना की बँधा था एहद-बूदा
कभी तू न तोड़ सकता अगर ऊस्तूवार होता
[ एहद = oath; ऊस्तूवार = firm/determined]
ज़ुल्मत कदी में मेरी ..
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- Category: Ghazals
ज़ुल्मत कदी में मेरी शब-ए-ग़म का जोश है
इक शम्मा है दलील-ए-सहर, सो ख़ामोश है
शब्दावली:
ज़ुल्मत=अंधेरा; दलील=सबूत; सहर=सुबह
दाग़-ए-फ़िराक़-ए-सोहबत-ए-शब की जली हुई
इक शम्मा रह गई है सो वो भी ख़ामोश है
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